शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा आरोप आदिम जाति ने जो सीधी भर्ती किया गया था, उसमे बड़े पैमाने में फर्जीवाड़ा किया गया है,
जगदलपुर। बस्तर जिला स्कूल, आश्रम, छात्रावास शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा गुरुवार को पत्रकारो से चर्चा करते हुए 2014 में हुए फर्जीवाड़े में अब तक कोई जांच रिपोर्ट नही देने को लेकर परेशान है, वही जल्द ही इसका खुलासा नही होने पर तब तक अपने घरों में अनिश्चितकालीन उपवास करने की बात कही गई है, वही कोरोना के समाप्त होने व धारा 144 के हटते ही जिला मुख्यालय में आमरण अनशन करने की बात कही गई है।
मामले के बारे में जानकारी देते हुए अध्यक्ष प्रभुनाथ पाणिग्राही ने बताया कि 2014 में आदिम जाति ने जो सीधी भर्ती किया गया था, उसमे बड़े पैमाने में फर्जीवाड़ा किया गया है, इसका खुलासा कांग्रेस युवा मोर्चा ने वर्ष 2017 में किया था, जिसकी शिकायत शासन से करने पर उन्होंने 2 सदस्यीय टीम भी बनाया गया था, टीम के साथ ही अधिकारियों ने कहा कि जांच पूरी होने की बात कही, लेकिन अब तक कोई भी रिपोर्ट नही दिया गया, इसी फर्जीवाड़े को लेकर संघ की ओर से फरवरी में सत्याग्रह भी किया गया, संघ ने इस बात को बताया था कि 2 अक्टूबर से आमरण अनशन करने की बात कही गई थी, लेकिन कोरोना को देखते हुए अनिश्चितकालीन उपवास घर मे करने की बात कही गई है।
इस फर्जीवाड़े में सबसे बड़ी बात यह थी कि जहां 40 नंबर देने पर विरोध किया जा रहा था, वही 120 अंक दिया गया, इस मामले में सबसे बड़ी बात आरटीआई से पता चला कि 849 अभ्यर्थियों में से केवल 404 का ही उत्तरपुस्तिका दिया गया, इन सबके अलावा 98 उत्तरपुस्तिका ऐसे थे जिसमें 2 टिक लगाए गए थे, काली स्याही के चलते जहां 6 लोगो को परीक्षा से वंचित कर दिया गया, वही 3 लोगो को हटाया नही गया, 93 अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ाये गए थे, 13 अभ्यर्थियों के नंबर कम कर दिया गया, कुछ उत्तरपुस्तिका में वाइटनर तक का उपयोग किया गया था, 13 ऐसे उत्तरपुस्तिका थी जिसमे टिक ही नही लगाया गया था, कुछ लोगो का तो बिना परीक्षा के ही चयन कर लिया गया, जबकि 1 उत्तरपुस्तिका तो ऐसे थी जिसमे परीक्षार्थी ने हस्ताक्षर की जगह अंगूठे का निशान लगाया गया था,
संघ के लोगो का कहना है कि इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा हो, नही तो आंदोलन शुरू हो जाएगा।