पत्रकार सुरक्षा कानून का दावा करने वाली भूपेश सरकार के गुंडे बेबाकी से लिखने वाले पत्रकारों को थानों के सामने पिटते है । कांकेर की घटना कि मैं घोर निंदा करता हूं – हूँगाराम मरकाम
पत्रकार सुरक्षा कानून को ढाल बनाकर पत्रकारों के खिलाफ आज दोहरा चरित्र कांग्रेसियों का सामने आया है जो कांग्रेसी विपक्ष में रहते हर कदम पत्रकार के साथ खड़े रहने का दावा करते थे उन्होंने आज गुंडागर्दी की सारी हदें पार कर दी जिस प्रकार फिल्मों में दिखाया जाता था कि कैसे एक नेता के गुंडे पुलिस के सामने लोकतंत्र के हिस्से के साथ गुंडागर्दी और मारपीट करते हैं उसका जागता उदाहरण आज बस्तर के कांकेर जिले में देखने को मिला जिसकी मैं कड़ी निंदा करता हूं । आज कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी के पाले हुए गुंडों द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ मारपीट की गई इतना ही नहीं सुबह एक पत्रकार को घर से निकाल कर मारपीट करने के बाद इस पूरे मामले की शिकायत करने थाने जा रहे पत्रकारों की भीड़ पर हमला करते हुए उक्त पत्रकार से मारपीट के बाद मारपीट का विरोध कर रहे वरिष्ठ पत्रकार श्री कमल शुक्ला के साथ भी कांग्रेस के गुंडों ने मारपीट की सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे यह जानकारी मिल पाई साथ ही मैंने मारपीट का पूरा वीडियो भी देखा वीडियो देखने के बाद मुझे काफी दुख हुआ कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ इस तरह की बर्बरता वो सरकार के गुंडे कर रहे हैं जिनके मुखिया भूपेश बघेल पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का दावा करते हैं मुझे मिली जानकारी के अनुसार सुबह स्थानीय पत्रकार के साथ कुछ पार्षदों ने घर से लेकर थाने तक पत्रकार की पिटाई की प्रेस क्लब कांकेर के करीब 50 से अधिक पत्रकारों ने इस गुंडागर्दी के विरोध में कोतवाली में शिकायत दर्ज करवानी चाही इसी दौरान विधायक प्रतिनिधि गफ्फार मेमन ,पार्षद और कांग्रेस के एक कथित नेता गणेश तिवारी समेत 300 लोगों द्वारा वरिष्ठ पत्रकार श्री कमल शुक्ला से गाली गलौज के साथ मारपीट की गई ये भुपेश सरकार कि पत्रकारों को लेकर दोहरी मानसिकता दर्शाती है कि उनके ही सत्ताधारी विधायक के गुंडे खुलेआम मारपीट करते हैं वह भी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से और थाने के सामने ही और पुलिस कुछ भी नहीं कर पाती इससे ना केवल पत्रकारों में रोष है बल्कि पब्लिक में भी एक भय का वातावरण बनता जा रहा है । कल डॉक्टर के साथ भी हो चुका ,आज पत्रकारों के साथ हुआ, आगे ना जाने किन के साथ क्या हुआ असल मामला कोरोनाकाल में जनता से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से पत्रकारिता करने की वजह से इन कांग्रेसियों में पत्रकार के खिलाफ रोष था जिसकी भड़ास कांग्रेसियों ने निकाली है जिले में लॉकडाउन कोरोनावायरस से जुड़ी खबरें रेत माफियाओं पर खबरें एवं भ्रष्टाचार अव्यवस्था पर लगातार कमल शुक्ला व अन्य एक पत्रकार लिख रहे थे और कुछ उपद्रवी कांग्रेसियों ने आखिरकार मारपीट कर अपनी सरकार की दोहरी मानसिकता जग जाहिर कर दी कांग्रेश केवल जनता को लूटना व गुंडागर्दी करना ही जानती है एक बड़ा सवाल मेरा है कि क्या अब ऊपर सरकार अपने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही करेगी यह पत्रकारों को केवल आश्वासन दिया जाएगा । मैं ऐसे लोकतंत्र विरोधी तत्वों का विरोध करता हूं और साथ ही इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं । भूपेश सरकार को अपने इन कार्यकर्ताओं पर लगाम लगाने की आवश्यकता है । साथ ही पत्रकारों के साथ मारपीट करने वाले लोगों की तत्काल गिरफ्तारी हो और पार्टी से निलंबन की कार्यवाही भी भूपेश कांग्रेस करें ।