ना ट्रेड लाइसेंस, ना राज्य सरकार की अनुमति : वर्षों से इसीतरह विक्रय कर रहें वाहन कारोबारी -शिवसेना
जगदलपुर / शिवसेना के बस्तर जिलाध्यक्ष अरूण कुमार पाण्डेय् ने बस्तर अंचल में दो पहिया वाहन विक्रेताओं पर नियम विरुद्ध वाहन बेचने का आरोप लगाते हुए आरटीओ विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा हैकि आख़िर बिना ट्रेड लाइसेंस के लंबे अरसे से वाहन विक्रेता विभिन्न जिलों में कारोबार करते आ रहे हैं तब बस्तर अंचल के सातों जिलों के आरटीओ अधिकारी अब तक आंख मूंदे क्यों बैठे हुए हैं..? अब तक किसी भी आरटीओ अधिकारी ने अपने ज़िले के नियम विरुद्ध तरीक़े से वाहन विक्रय कर रहे कारोबारी पर कोई कार्यवाही क्यों नही किया है
गौरतलब होकि मोटरयान अधिनियम 1994 के नियम 184 (क) के प्रावधान के तहत किसी राज्य में वाहन बिक्री हेतु संबंधित राज्य सरकार से इसकी अनुमति लेना आवश्यक है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में ऐसा नही किया जा रहा है।
कुछ कंपनी के डीलर्स को नियमों को ताक में रखकर काम करना ही अपनी उपलब्धता समझते हैं तो कुछ डीलर्स केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1989 की धारा 126 के तहत वाहन बिक्री की अनुमति उन्हें है, ऐसा समझकर व्यवसाय करते आ रहे हैं। लेकिन वास्तविकता यह हैकि काउंटर चला रहे वाहन विक्रेताओं के पास राज्य सरकार से इसकी अनुमति नही है और वे इसे जरूरी भी नही समझ रहे हैं।
बस्तर अंचल में कुछ एक कंपनी के ही डीलर्स दो या तीन ज़िलों में हैं बाकी एक कंपनी के एक ही डीलर्स हैं जोकि बस्तर के सभी सात जिलों में लंबे अरसे से अपनी वाहन बेचते आ रहे हैं। जहां के नाम पर इन्हें डीलर घोषित किया जाता है उस ज़िला के अतिरिक्त ये वाहन कारोबारी अन्य जिलों में जहां इनकी डीलरशिप नही है वहां भी स्वयं या थर्ड पार्टी से समझौता करके अपनी दुकान सजा कर वर्षों से बेधड़क वाहनों की बिक्री करते आ रहें हैं।
बस्तर अंचल के जगदलपुर, कोंडागांव और कांकेर में डीलर्स होते हुए भी वहां के आरटीओ अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज तक बस्तर के इन दो पहिया वाहन विक्रेताओं पर किसी तरह की कार्यवाही नही किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त डीलर्स ना होने के बावजूद सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा ज़िले में भी धड़ल्ले से वाहन विक्रय होते ही आ रही है। लेकिन अब तक वहां के आरटीओ अधिकारियों ने भी कोई कार्यवाही इस विषय पर करना अपना कर्तव्य नही समझा है।
शिवसेना के जिलाध्यक्ष अरूण कुमार पाण्डेय् ने बताया है कि आरटीओ अधिकारियों को तत्काल इस विषय को संज्ञान में लेते हुए सभी जिलों के नियम विरुद्ध कार्य कर रहें वाहन डीलरों के ऑनलाइन पोर्टल को निरस्त कर देना चाहिए जिससे कि वे आगे नियम विरुद्ध तरीक़े से इस स्थानों पर वाहन की बिक्री ना सकें। उन्होंने आगे कहा कि आरटीओ अधिकारी अगर मामले को संज्ञान में लाने के बावजूद भी कार्यवाही नही करते तब शिवसेना उनके विभाग के ख़िलाफ़ आंदोलन करने हेतु बाध्य होगी।